struggle
Tuesday, 19 July 2011
आशा कार्यकर्ताओ ने देहरादून में निकली रैली
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले पुरे उत्तराखंड की आशा कर्यकर्तियो ने हजारो की संख्या में राजधानी देहरादून में भाजपा सरकार द्वारा उनका पारिश्रमिक प्रति प्रसव पर 600 से घटाकर 350 रुपये करने के फैसले के खिलाफ जुलूस निकला और मुख्यमंत्री कार्यालय को घेरा. आशाओं ने ट्रेड यूनियन
AICCTU/ ऐक्टू से अपने आप को जोड़ा और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए
AICCTU/ ऐक्टू को ही सबसे ईमानदार, जिम्मेदार, क्रांतिकारी और मेहनतकश जनता के आवाज उठाने वाले संगठन को ही नेतृत्व के लिए चुना. पुरे प्रदेश में
AICCTU/ ऐक्टू ने ही आशा कार्यकर्ती के खिलाफ सरकारी आदेशो की निंदा की और उनको संगठित किया. भारी बारिश के बावजूद आशाओ ने रैली निकाली और सरकार को चेतावनी दी की अगर सरकार ने जल्द ही अपने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो वो हर स्तर पर आन्दोलन करेंगी और चुनावो में भी भाजपा- कांग्रेस सरीखी मजदूर विरोधी पार्टियो को सबक सिखाएंगी. वो सितम्बर में भी दिल्ली प्रदर्शन में भाग लेंगी जिसे
AICCTU/ ऐक्टू ही आयोजित कर रहा है. उन्होंने आशाओ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने जैसी कई जायज मांगो का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सोंपा.
AICCTU/ ऐक्टू ने
मुख्यमंत्री से पहले ही १८ जुलाई को होने वाले इस प्रदर्शन की जानकारी दी थी और उनसे आशाओ की मांगो को सुनाने की अपील की थी लेकिन
मुख्यमंत्री 'निशंक' जनता के सामने आने का सहस नहीं कर सके और पहले ही किसी और जगह का कार्यक्रम बना कर अपने कार्यालय से खिसक लिए. इस पर भी आशाओ में जबरदस्त रोष था और उन्होंने
मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे भी लगाए.
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